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August 2000

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संसार में जितनी घटनाएँ घटती है, घटने के बाद वह बिलकुल समाप्त नहीं हो जाती ,वरन् तरंग रूप में अपना अस्तित्व बनाए रहती है। इन्हीं सूक्ष्म तरंगों को मानवी चेतना का सर्वोच्च संस्थान- मस्तिष्क पकड़ता एवं तत्संबंधी जानकारी प्राप्त करता है ।


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