कर्मवीर उदास नहीं देखे जाते। खीजते वे रहते हैं, जो आलस में समय गँवाते और जिम्मेदारियों से जी चुराते हैं। हो सकता है कि परिश्रमी को कठिनाइयां झेलनी पड़े; पर चैन तो निठल्लेपन में भी नहीं मिलता।