जिस बोध वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध को आत्म ज्ञान हुआ था। उसे प्रणाम करने वे अक्सर जाया करते थे।
शिष्य पूछते कि जड़ को नमन करने से क्या लाभ? उत्तर देते जिनसे भी लाभ अभिव्यक्ति है उनके प्रति कृतज्ञता की अभिव्यक्ति करते रहना मनुष्य की अपनी सज्जनता है। जिसे हर स्थिति में बनाये ही रहना चाहिए।