शतायु जीवन का मर्म

December 1990

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

लम्बी आयु जीने का रहस्य क्या है? क्या आज भी प्राचीन काल की तरह शताधिक वर्ष तक स्वस्थ और निरोगी जीवन जिया जा सकता है? अक्सर आये दिन इस प्रकार के प्रश्न अनेकों के मन में पानी के बबूले की तरह उठते और मिटते रहते हैं। ऐसे लोगों से एक ही बात कही जा सकती है कि यदि संयम पूर्ण जीवन जिया जाय, तो कोई कारण नहीं कि आज भी व्यक्ति प्राचीन काल की तरह शतायु को प्राप्त न कर सके। यह संभावना तब और भी प्रबल और परिपुष्ट को जाती है, जब आज भी विश्व के कई देशों के कई क्षेत्रों में ऐसे लोग देखे जाते हैं। रूस के अजर बेजान और कजाकिस्तान प्रान्त ऐसे ही हैं, जहाँ एक नहीं अधिकाँश निवासी सौ वर्ष की उम्र तक जीते हैं। अब एक ऐसे ही गाँव का पता अमेरिका में चला है, जहाँ की अधिकाँश आबादी सौ वर्ष की आयु तक जीती है।

मिग्यूएल कार्पियो इसी छोटे से किन्तु प्रसिद्ध गाँव विलकेबम्बा के निवासी हैं। जिसका संबंध बाह्य दुनिया से मात्र पगडंडियों से है। न कोई आमोद-प्रमोद के साधन, न ही आवागमन की विशेष सुविधा। 1979 की जनगणना से पता चला कि उस गाँव में 891 लोग हैं। इनमें 19 व्यक्ति शताब्दी पार कर चुके हैं एवं लगभग इनमें से 1/5 प्रतिशत लोग 65 से अधिक उम्र के हैं। सबसे अधिक उम्र तक जीने वाले 142 वर्षीय जोस डेविड की मृत्यु 1973 में हुई। उन्हीं के मित्र कार्पियो वहाँ के पुराने निवासी हैं।

कार्पियो स्वयं सौ वर्ष पूरे करने वाले माता-पिता के पुत्र हैं। यह आश्चर्य की बात नहीं कि वे अपने इस लम्बे जीवन काल में कभी भी डॉक्टर के पास नहीं गए। “डॉक्टर किसे कहते हैं, हमें यह नहीं मालूम। हम न तो इन्फ्लुएञ्जा, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग एवं कैन्सर से परिचित हैं न किसी मानसिक परेशानी से।” पूछने पर वे बड़े सहज भाव से उत्तर देते। वहाँ के निवासियों का जीवन क्रम प्राचीन काल के ऋषि मुनियों जैसा है। छोटे-छोटे झोंपड़े में वे निवास करते हैं, जहाँ न तो सुविधा साधन हैं न विद्युत व्यवस्था। भोगवादी सभ्यता को चुनौती देते हुए यह छोटा सा गाँव स्पष्ट करता है कि अक्षुण्ण स्वास्थ्य का लाभ भोग-विलास के साधनों के बीच रहने से नहीं मिलता, अपितु इसके लिए औसत नागरिक स्तर का निर्वाह पर्याप्त है। चिकित्सा सुविधा वहाँ अभी भी अनुपलब्ध है।

विशेषज्ञों का कहना है कि लम्बी आयु का संबंध वहाँ के वातावरण से भी हो सकता है, जहाँ की जलवायु में प्रदूषण नहीं हो। पास में बहने वाली नदी स्वच्छ जल लेकर आती है। मौसम वहाँ का हमेशा एक लेकर आती है। मौसम वहाँ का हमेशा एक समान बना रहता है, न ज्यादा ठंड, न गरम। तापक्रम 40 डिग्री फारेनहाइट बना रहता है। इसे स्वीकार करते हुए कार्पियो कहते हैं कि- “प्रधान कारण यह नहीं है। प्रमुखता तो उस रहन-सहन को मिलनी चाहिए, जिसमें किसी भी क्षेत्र में किसी भी प्रकार का प्रमाद अथवा असंयम नहीं बरता जाता।”

46 वर्षीय पत्रकार एवं विलकेबम्बा में जन्म लेने वाले जार्च विवेन्कों का कहना है कि लम्बी आयु का रहस्य चिन्ता रहित जीवनक्रम है। हम सभी जल्दी सोते एवं जल्दी उठते हैं, दिन भर सक्रियता बनी रहती है। न कहीं कोई कठिनाई, न चिन्ता, न तनाव और न ही कोई उद्विग्नता। हृदय रोग संबंधी संगठन के अध्यक्ष जीम वाकर के अनुसार इस गाँव के लोग सदा तनाव रहित जीवन जीते हैं। इसीलिए हृदय संबंधी किसी भी रोग से सर्वथा मुक्त हैं। खान-पान में भी सात्विकता का समावेश-एक प्रमुख कार हो सकता है।

कार्पियो एवं वहाँ के निवासियों ने स्वीकार किया है कि लम्बी आयु प्राप्त करने में खान-पान का महत्वपूर्ण स्थान है। कार्पियो एवं वहाँ के अन्य निवासी शुद्ध शाकाहारी भोजन लेते हैं, जिनमें फल, सब्जी, पत्ते एवं शक्कर के स्थान पर गुड़ का सेवन प्रमुख होता है। तले भुने एवं मसालेदार व्यंजनों का तो प्रचलन यहाँ है ही नहीं। प्रकृति के अनुकूल आहार-विहार ने ही उन्हें लम्बी आयु प्रदान की है। कठोर श्रम करने एवं भूख लगने पर खाने की नीति को वहाँ के निवासी अपने जीवनक्रम में सम्मिलित किये हुए हैं।

लम्बी आयु जीने की आकांक्षा रखने वालों को सुझाव देते हुए कार्पियो कहते हैं- “जिन्हें लम्बी आयु जीना है, तो औसत नागरिक स्तर का जीवनक्रम अपनाये एवं भौतिकता की आकर्षक लगने वाली मृगतृष्णा से दूर रहें, सामर्थ्य भर श्रम करें, सात्विक भोजन ग्रहण करें तथा मानसिक उद्विग्नता, चिन्ता, भय, क्लेश आदि से सर्वथा मुक्त रहें।”


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles






Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118