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Akhand Jyoti
Year 1989
Version 2
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April 1989
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प्रिय व्यक्ति के लिये भी मानवता के सिद्धांत ताक पर मत रखिये।
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Page Titles
उद्दण्डता का उपचार विपत्ति के रूप में!
पहले स्वयं को जीतो!
असाधारण रूपवती (Kahani)
मूर्धन्य भविष्यवेत्ताओं के अभिमत एवं इक्कीसवीं सदी
बड़ी लकीर खींचदी (Kahani)
ष्ठ;द्म स्रद्दह्ह्य द्दस्ड्ड] /द्मर्द्गंफ्भ्स्नद्म॥द्मद्धश"; स्रह्य द्धश"द्म; स्रह्यह्य द्गह्यड्ड झ्र
क्ठ्ठक्वज्; ह्लफ्ह् स्रद्म ब्ह्य[द्मद्म ह्लद्मह्य[द्मद्म्न
चोर का समाधान (Kahani)
श्रद्धा मानवी गरिमा का उत्कृष्ट अलंकार
कछुए ने डुबकी लगाई (Kahani)
प्रतिभा का सुनियोजन कैसे व कब?
मदान्धों को दुर्बुद्धि (Kahani)
व्यक्तित्व के विकास हेतु निजी प्रयास
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कालिदास (Kahani)
रंगों की प्रभाव क्षमता पर विज्ञान की मुहर
जन्म ही फाटक (Kahani)
भयः एकः मानसिक दुर्बलता
उद्देश्य की पूर्ति (Kahani)
कायाग्नि के भड़कते शोले
कोषाध्यक्ष से पूछा (Kahani)
तीसरी महाशक्ति का उद्भव
”शोध की लगन (Kahani)
नादब्रह्म की प्रभावोत्पादक सामर्थ्य
अपने आप में अनोखी कला (Kahani)
भावभरा सत्कार किया (Kahani)
जीवन साधना के दो विशिष्ट पर्व
सूक्ष्म जगत के उपचार की प्रक्रिया (Kahani)
रुकने वाले पिसनहारी (kahani)
हँसिये दिल खोलकर!
Quotation
अन्न से बनता है मन
नथ पहनने लायक (kahani)
समष्टि से प्रभावित व्यष्टि के क्रिया कलाप
बचा लेने का आश्वासन (kahani)
घ्राणेन्द्रियाँ बदलेंगी अब मानव की वृत्तियों को!
संतोष करना पड़ा (kahani)
मनःशक्ति बढ़ाये, तनाव से मुक्ति पायें।
Quotation
अपनी जैविक लय को जानिए कार्यक्षमता बढ़ाइये।
उदारता बरतने की प्रेरणा (kahani)
गतिशील रहें - आगे बढ़ें
चतुरतायुक्त नीति (kahani)
सम्मोहन से मानसोपचार
विधाता का कैसा पक्षपात है (kahani)
विचारों की विधेयात्मक शक्ति
सुसंस्कृत बनाना आरंभ (kahani)
समाचार डायरी -क्या हो रहा है, इन दिनों विश्व में?
Quotation
अपनों से अपनी बात - उपयुक्त प्रयोजन के लिए उपयुक्त वातावरण!
सूझ पड़ने वाला मार्ग (kahani)
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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