नथ पहनने लायक (kahani)

April 1989

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एक गरीब महिला मंदिर में नित्य दर्शन करने जाया करती और देवता से मनौती मनाती कि उसकी नाक के लिए सुन्दर नथ बन जाय। पति भी पत्नी को प्रसन्न करने के लिए उसकी इस इच्छा को पूरी कर के लिए प्रयत्नशील रहता था। आखिर व सुयोग आयो कि नथ बन ही गई।

उसे पहन कर महिला सर्वप्रथम मंदिर में देवता को और पुजारी को प्रमाण करने गई। असमय के .... आगमन से पुजारी चौंका। उसने सिर उठाकर देखा तो प्रतीत हुआ कि उसे नई नथ मिल गई है।

पुजारी ने कहा! बेटी उनको धन्यवाद देना जिन्होंने यह उपहार तुम्हें दिया पर साथ ही उसका भी .... गाती रहना जिसने तुम्हें नथ पहनने लायक नाक दी।


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