गान्धारी असाधारण रूपवती थी। उनका विवाह अन्धे धृतराष्ट्र के साथ हुआ। साथ ही वे कुरूप भी थे।
गान्धारी को अपना पतिव्रत धर्म निबाहना था। आशंका यह थी कि उनका रूप देख कर कोई उनके पीछे न पड़े, अथवा वे ही किसी अवसर पर फिसल न जायँ इसके लिए यह अनुशासन अपने ऊपर लगाया कि आँखों से जीवन भर पट्टी बाँधे रहने का व्रत ले लिया।