सद्वाक्य

December 1987

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बुराई आदमी से पहले अज्ञानी व्यक्ति के समान मिलती है और हाथ बाँधकर नौकर की तरह उसके सामने खड़ी हो जाती है। फिर मित्र बन जाती है और निकट आ जाती है, फिर मालिक बनती है और आदमी के सिर पर सवार हो जाती है एवं उस को सदा के लिए अपना दास बना लेती है।


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