चन्द्रगुप्त के शासन काल में प्रजा बहुत सुखी थी। उनने कितने ही लोकोपयोगी काम कराये थे। पर सीमा से लगे क्षेत्र में हूण अक्सर आक्रमण करके लूटपाट करते रहते। इसका स्थाई हल सोचते-सोचते राजकुमार स्कंद गुप्त ने यह हल निकाला कि एक बार हूण देश पर करारा आक्रमण किया जाय ताकि वे भविष्य में वैसी हिम्मत न करें। ऐसा ही किया गया। चन्द्रगुप्त से आज्ञा लेकर राजकुमार एक लाख सेना लेकर हूणों पर आक्रमण किया। तदनन्तर हूणों के भारत पर आक्रमण सदा के लिए बन्द हो गये।