Quotation

March 1986

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तत्वदर्शन हमें हमारे स्वरूप से परिचित कराता है और कर्तव्य की रहा पर प्रेरणापूर्वक चलाता है।

जो जन्म-जन्मान्तरों की संचित पशु-प्रवृत्तियों का नियमन कर सकता है वह योगी है।


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