Quotation

July 1986

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वह अंतरात्मा ही है जो पहले मित्र को सही सलाह और कड़ी चेतावनी देता है। न मानने पर वही है जो कठोर न्यायाधीश की तरह कड़ी सजा दिए बिना नहीं रहता।


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