कोई अशुभ कार्य करते समय तुम निष्कपट हो न? जो कुछ बोल रहे हो निस्वार्थ भाव से ही न? जो दान-उपकार कर रहे हो बदले की आशा के बिना ही न? जो धन संचय कर रहे हो कृपणता छोड़कर ही न?
-हातिम हासम