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October 1972

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कोई अशुभ कार्य करते समय तुम निष्कपट हो न? जो कुछ बोल रहे हो निस्वार्थ भाव से ही न? जो दान-उपकार कर रहे हो बदले की आशा के बिना ही न? जो धन संचय कर रहे हो कृपणता छोड़कर ही न?

-हातिम हासम


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