अणु बम की विनाशकारी शक्ति के बारे में बहुत कुछ कहा सुना जाता है। पर यह अणु की समग्र शक्ति नहीं है। अणु बमों में प्रयोग होने वाली शक्ति अणु की सम्पूर्ण शक्ति का एक हजारवाँ भाग ही है। शेष 999 भाग तो बिना प्रयुक्त हुए ही पड़ा रहता है।
मनुष्य की भी इतनी शक्ति प्रसुप्त पड़ी रहती और अस्त-व्यस्त होती रहती है। यदि उसको अपने में सन्निहित शक्ति का समग्र बोध हो सके और उसका सदुपयोग किया जा सके तो वह सामान्य की समग्र परिधियाँ तोड़कर असामान्य बन सकता है जैसा कि वस्तुतः वह है भी।
- विनोबा