जिस घर में साँप अधिक हों उस घर में रहने वाला मनुष्य जिस प्रकार बड़ा सावधान रहता हैं, उसी प्रकार संसार में रहने वाले मनुष्यों को विषय-वासना और लोभ में पड़ने से सावधान रहना चाहिए।
-रामकृष्ण परमहंस
दुर्बलों को स्वतः अपने पैरों खड़ा होना होगा- अनीति से स्वयं जूझना होगा। जिन कारणों से वे दुर्बल बने हैं उन्हें समझना और निरस्त करना पड़ेगा। जब वे समर्थता की उपासना के लिए-शक्ति सञ्चय के लिए पूरे पुरुषार्थ और मनोयोग के साथ खड़े होंगे तभी उस त्रास से त्राण मिलेगा जो प्रकृति की हर इकाई द्वारा दुर्बलों की सत्ता मिटाने के लिए दिया जाता है।
अपनों से अपनी बात-