पाकिस्तान में कैद रहने के समय बँगला बंधु शेख मुजीबुर्रहमान रवीन्द्रनाथ टैगोर का एक गीत निरन्तर गुनगुनाया करते थे ।
उस गीत का सार है- ‘जीत हम सचाई की राह पर चलने वालों की ही होगी। यह दुनिया मानवों के लिये बनाई गई है- दानवों के लिये नहीं।’