एक अमीर था-’डाइब्स’ उसके पास दौलत की कमी न थी। सो रंग-राग भी करता और पादरियों को दक्षिणा देकर पूजा-पाठ भी कराता। लोग समझते थे वह पुण्यात्मा है। पादरी कहते थे उसे स्वर्ग के राजा का प्यार मिलेगा।
एक गरीब था-’लाजारस’ जिन्दगी भर दूसरों की सेवा करता रहा। बुढ़ापे और बीमारी का शिकार हुआ। मरते समय उसे उस दयनीय स्थिति में देह छोड़नी पड़ी कि न रोटी न कपड़ा न दवा, न परिचर्या। भूखा, प्यासा, नंगा और गन्दा एक मुर्दा, कूड़े के साथ कितनी गड्ढे में डाल दिया गया।
लोगों ने कहा लाजारस अभागा था और पापी। उसे न ईश्वर की कृपा मिली-न लोगों की सहायता। जिन्दगी भर कष्ट सहे और अन्त में भी दुर्गति का शिकार हुआ।
मरने के बाद उस अमीर और-उस गरीब को भी परलोक में जाना पड़ा।
‘डाइब्स’ नरक में डाला गया और लाजारस को स्वर्ग के राजा ने चूमा।
बाइबिल ने इस प्रसंग की चर्चा करते हुए कहा है-बाहरी वैभव और आचरण से नहीं, मनुष्य की महत्ता उसकी भीतरी स्थिति से परखी जायगी।