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August 1970

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कः काल- कानि मित्राणि को देशः कौ व्ययागमौ।

कंश्चाह का च में शक्तिरात चिन्त्य मुहुर्महः॥

समय क्या है, कौन मित्र हैं, आमदनी और खर्चा क्या है, मैं स्वयं क्या हूँ और मुझमें कितनी शक्ति है- ये छः बातें मनुष्य को बार-बार बराबर सोचते रहना चाहिए।


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