यमश्च नियमश्चैव तृतीयमासनं मतम्।
प्राणायामस्तथागार्गी प्रत्याहारश्च
धारणा।
ध्यानं समाधिरेतानि गाडाँनि
निबोध मे॥
हे गार्गी! तू यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारण, ध्यान, समाधि- इन अंगों को ही योग के आठ अंग जान।