जिसका देह और मन शुद्ध न हो उसका मन्दिर में जाकर भगवान की पूजा करना व्यर्थ है। जिनके देह और मन दोनों पवित्र हैं, भगवान् उन्हीं की प्रार्थना सुनते हैं।