हमें आकाश में पक्षियों की तरह उड़ना और पानी में मछलियों की तरह तैरना सीखने के पश्चात् पृथ्वी पर मनुष्यों की तरह रहना सीखना है।
-डॉ. राधाकृष्णन
अपनों से अपनी बात-