कोलम्बस ने जब अपना जहाज अमेरिका पहुँचा कर उस खाली क्षेत्र में लोगों को बसाने का एक ऐसा महान कार्य किया तो उन देशों में उसकी बड़ी प्रशंसा हुई। साथ ही अनेक ईर्ष्यालु भी पैदा हो गये वे अवसर पाते ही उसकी निंदा किया करते और कहते यह कौन बड़ा काम था? इसे तो हम भी कर सकते थे।
एक दिन कोलम्बस ने अपने सभी निन्दकों को दावत दी। भोज के समय उनने एक उबला हुआ अण्डा मँगाया और उपस्थित लोगों से कहा आप में से कोई इसे सीधा खड़ा कर सकते हों तो कर दिखायें।
सभी ने प्रयत्न किया पर अण्डा खड़ा न हो सका।
इस पर कोलम्बस ने उसका एक तरफ का पैदा दबा दिया। सीधा सपाट हो जाने पर अण्डा खड़ा हो गया।
उपस्थित लोग कहने लगे यह तो साधारण सी बात थी हम भी कर सकते थे। कोलम्बस ने फिर कहा मित्रों मनुष्य में वह क्षमता तो है कि बड़े काम कर ले पर उसके लिए सूझबूझ और उत्साह भी तो चाहिए। उसके बिना न आप अण्डा खड़ा करने में समर्थ हो सके और न अमेरिका में अपना खोजी जहाज ही ले जा सको।