Loading...
All World
Gayatri Pariwar
Get App
Books
Magazine
Language
English
Hindi
Gujrati
Kannada
Malayalam
Marathi
Telugu
Tamil
Stories
Collections
Articles
Open Pages (Folders)
Kavita
Quotations
Visheshank
Quick Links
Book Catalog
Whats New
Downloads
Write to Us
Login
Akhand Jyoti
Year 1990
Version 2
VigyapanSuchana
VigyapanSuchana
November 1990
Read Scan Version
<<
|
<
|
|
>
|
>>
Page #39 Doesn't have any Data.
Please go to first Page.
<<
|
<
|
|
>
|
>>
Write Your Comments Here:
Page Titles
उपलब्धियों का सदुपयोग ही सफलताओं का मूल
भाव सम्पदा का धनी
आत्म शक्ति का उपार्जन एवं सुनियोजन
नर से नारायण बनने की दिशा पकड़े
दोष का परिमार्जन कैसे (Kahani)
भावनाओं को परिष्कृत रखें
दान का मर्म
आगे बढ़ें और लक्ष्य तक पहुँचें
पतन का भागी बनता (Kahani)
अतिवाद न बरता जाय
मन पर लगाम लगे तो कैसे?
जानवर से डरना चाहिए (Kahani)
अमृतकलश एवं उसका रसपान
सच्ची बात सहन नहीं होती (Kahani)
सबसे बड़ा गौरव, मनुष्यत्व की प्राप्ति
ईश्वर विश्वास क्यों अनिवार्य हैं?
विज्ञान का सच्चा उच्चस्तरीय सोपान
समस्त उपलब्धियों का मूल ‘मन’
संघशक्ति का महत्व समझें
कालचक्र का अधीश्वर महाकाल एवं उसका संकल्प
चिन्तन की धारा बदल कर देखें
सच्चा ब्राह्मणत्व
बड़ा क्यों मान लिया (Kahani)
अँधेरे में प्रकाश कहाँ से उभरे?
कोई तरीका भी तो नहीं (Kahani)
आदतों के गुलाम न बनें
माँसाहार गुनाह बेइज्जत
पलट कर पूछा लिया (Kahani)
गायत्री मंत्र को प्राथमिकता क्यों?
स्वस्थ व्यक्तित्व बनाम ब्राह्मणत्व
मधु संचय (Kavita)
तुम्हारी शपथ (Kavita)
विनाश उलटेगा, सृजन पनपेगा
गायत्री तीर्थ में अभिनव महाकुम्भ सम्पन्न
मोह में फँसे-अब निकले (Kahani)
संकल्प जो श्रद्धांजलि समारोह में विराट समुदाय द्वारा लिया गया
VigyapanSuchana
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
See More