महात्मा आनन्द स्वामी सरस्वती उन दिनों लन्दन प्रयास पर थे। उनके प्रवचनों में वहाँ के प्रसिद्ध समाचार पत्र “डेली टेलीग्राफ" के सम्पादक भी आते थे। स्वामी जी के स्वस्थ शरीर से आकर्षित होकर एक दिन उन्होंने स्वामी जी से पूछा “आपकी आयु कितनी है महात्मन्?”
स्वामी जी ने पलट कर पूछा लिया “आपके विचार में कितनी होनी चाहिए?”
सम्पादक-” अधिक से अधिक 64 वर्ष।” स्वामी जी ने कहा-मेरे बड़े लड़के की आयु इस समय 69 वर्ष है और मेरी 84 वर्ष”। सम्पादक -आश्चर्य! आप क्या भोजन करते हैं। कौन सी ब्रांडी कौन सा माँस खाते है। स्वामी जी ने कहा-माँस मदिरा तो मेरे माँ-बाप और दादी-दादी भी नहीं खाते-पीते थे। मैं तो इस से बहुत दूर हूँ क्योंकि मेरा पेट कब्रिस्तान नहीं है। हाँ, भोजन में दाल, सब्जी एवं रोटी जरूर लेता हूँ।” स्वस्थ शरीर का राज शाकाहार है।