जानवर से डरना चाहिए (Kahani)

November 1990

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

खरगोशों ने हाथी को देखा तो उन्हें डर भी लगा और ईर्ष्या भी हुई। वे सोचने लगे हाथी वाले जंगल में हम किस मुँह से रहें।

एक दिन खरगोश तालाब में पानी पीने गये तो देखा कि उसके अन्दर छोटे-छोटे मेंढक उछल-कूद कर रहे हैं, मौज मना रहे हैं।

खरगोश ने सोचा जब इतने छोटे मेंढक इतनी खुशी से रह सकते हैं। हमसे नहीं डरते तो हमें ही क्यों बड़े जानवर से डरना चाहिए?


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles