एक दयालु राजा ने चिड़ियों को बहेलियों द्वारा हत्या किये जाने से बचाने के लिए घोषणा की कि जो पकड़ी हुई चिड़िया लावेगा उसे पुरस्कार मिलेगा। जो चिड़िया इस प्रकार लाई जाती, राजा उन्हें मुक्त करा देता। उसकी दयालुता का यश फैलने लगा।
थोड़े ही दिनों में आम लोगों ने यह धंधा अपना लिया वे दिन भर चिड़िया पकड़ते। राजा के पास ले जाते और इनाम लेकर लौटते। हजारों नये बहेलिये बन गये और राज्यकोष खाली जो चला।
मंत्री ने राजा को रोका और कहा-निष्ठुरों को उपहार देने के स्थान पर उन्हें दंड देना उपयुक्त होगा’ राजा ने नीति बदल ली।