एक भक्त भाव विभोर होकर प्रार्थना कर रहा था-मेरे प्रभु द्वारा खोलो ताकि मैं तुम तक पहुँच सकूँ।
उधर से निकलने वाले दूसरे सन्त ने कहा-जरा गहरे उतर कर देखो तो ईश्वर का द्वार क्या कभी किसी के लिए बन्द रहा है।