दीपक बोलता नहीं प्रकाश से अपना परिचय देता है। तुम अपने संबंध में बढ़-चढ़ कर बातें न करो, लोगों को कृतियाँ देखकर वस्तुस्थिति जानने का अवसर दो।
भौतिक महत्वाकाँक्षाओं के भार से मनुष्य इतना दब जाता है कि आत्म कल्याण के लिए कुछ कर सकना तो दूर-सोचना तक कठिन पड़ता है।