गुजरात के प्रख्यात समाज सेवी रविशंकर महाराज ने जो रचनात्मक कार्य किया है वह लोक सेवियों के इतिहास में अमर रहेगा।
ऐसे समाज सेवियों को अपरिग्रही रहना चाहिए और औसत भारतीय स्तर का निर्वाह करना चाहिए। आदर्श को उनने जीवन भर अपनाया।
एक बार अन्य कार्यकर्त्ताओं के साथ वे पद यात्रा पर जा रहे थे। रास्ते में वर्षा होने लगी। साथियों ने झोले में से निकाल कर बरसाती ओढ़ ली, पर महाराज ने अपनी टोपी और कुर्ता उतार कर झोले में रख लिया। पूछने पर उनने कहा-वर्षा का स्नान और कपड़ों की सुरक्षा का मैंने दुहरा लाभ उठा लिया इसमें हर्ज क्या हुआ?