लकड़हारे ने उस जंगल को काट गिराने का निश्चय किया पेड़ों तक यह खबर आँधी तूफान की तरह पहुँच गई।
पेड़ों ने हिम्मत रखी और कहा आदमी के हाथ पतले हैं और बहुत छोटे, वह हमें न काट सकता है न उखाड़ने की ताकत उसमें हैं।
कई दिन बाद लकड़हारे-लकड़ी के वेंट वाली कुल्हाड़ियों हाथ में लेकर आए।
पेड़ों ने कहा-अपनी ही बिरादरी यदि शत्रुओं का साथ दे तो फिर विपत्ति का टूटना निश्चित है।
आदमी की ताकत ने वेंट की जाति दोह से जंगल का सफाया कराया।