सद्वाक्य— नीति वाक्य

February 1975

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ब्रह्मज्ञान कौन प्राप्त कर सकता है। जिसकी भोगों की इच्छा दूर हो गई हो, जिसके मनोरथ न रहे हों और जिसकी बुद्धि व्युत्पन्न हो गई हो, वह ब्रह्मज्ञान का अधिकारी है। — श्री योगवशिष्ठ


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