कौन कितना आगे बढ़ा यह नहीं वरन् महत्त्व की बात यह है कि किस तरह आगे बढ़ा यदि हाथों ने बिना दूसरों का ग्रास छीने और पैरों ने बिना दूसरों का सिर कुचले प्रगति की है तो ही उस बढ़ने की सार्थकता है। - टॉलस्टाय