माता-सी प्रिय गायत्री माता! तुल सकता इसकी तुलना में, कैसे और किसी का नाता?
जन्म दिया निज तनु तत्वों से, पालन किया सकल सत्वों से, लिया हमें आजन्म अंक में,
विषद् वेद वाणी की दाता। माता-सी प्रिय गायत्री माता॥
अग्रज अनुज अतुल उपजाये, सती सुता सज्जन सुत पाये, दिग्विजयी विज्ञान विशारद-
विस्तृत ब्रह्मज्ञान की दाता-माता-सी प्रिय गायत्री माता॥
क्या समता इसकी ममता की। अमित कथा इसकी क्षमता की॥ भव्य भावना भरित विभूषि-,
विभव विभूति-अभय भय त्राता। माता-सी प्रिय गायत्री माता॥
वंचित हो इसके प्रसाद से, तज सच्ची सेवा प्रमाद से, कर असहाय हाय! जनन को-,
जग जन कौन नहीं दुःख पाता। माता-सी प्रिय गायत्री माता।