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July 1951

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-’गायत्री के समान चारों वेदों में कोई मंत्र नहीं है। सम्पूर्ण वेद, यज्ञ, दान, तप, गायत्री मंत्र की एक कला के समान भी नहीं हैं।’

-विश्वामित्र


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