- अन्य उपासना चाहे न करे, केवल गायत्री जप से द्विज जीवन मुक्त हो जाना है। साँसारिक और परि लौकिक समस्त सुखों को पाता है। संकट के समय दस हजार जप करने से विपत्ति का निवारण होता है।
-शौनक ऋषि
*****
-नरक रूपी समुद्र में गिरते हुए को हाथ पकड़ कर बचाने वाली गायत्री ही है। उससे उत्तम वस्तु स्वर्ग और पृथ्वी पर कोई नहीं है। गायत्री का ज्ञाता निस्संदेह स्वर्ग को प्राप्त करता है
-शंख स्मृति