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July 1951

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-ब्रह्मा जी ने तीनों वेदों का सार तीन चरण वाला गायत्री मंत्र निकाला। गायत्री से बढ़कर पवित्र करने वाला और कोई मंत्र नहीं है। जो मनुष्य नियमित रूप से तीन वर्ष तक गायत्री का जप करता है वह ईश्वर को प्राप्त करता है। जो द्विज दोनों संध्याओं में गायत्री जपता है वह वेद पढ़ने के फल को प्राप्त होती। अन्य कोई साधना करे या न करे केवल गायत्री जप से ही सिद्धि पा सकता है नित्य एक हजार जप करने वाला पापों से वैसे ही छूट जाता है जैसे केंचुली से सर्प छूट जाता है। जो द्विज गायत्री की उपासना नहीं करता वह निन्दा का पात्र है।

-मनु

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-गायत्री मंत्र का निरन्तर जप रोगियों को अच्छा करने आत्माओं की उत्रति के लिए उपयोगी है। गायत्री का स्थिर चित्त और शान्त हृदय से किया हुआ जप आपत्ति काल के संकटों को दूर करने का प्रभाव रखता है।

-महात्मा गाँधी


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