आत्मा की आवाज

July 1985

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

जब कभी ऐसा आभास हो कि आपको किसी ने आवाज दी है, किन्तु आस-पास खोजने पर भी किसी पुकारने वाले का पता न चले तो निश्चित रूप से समझ लीजिए कि वह अपनी ही अन्तरात्मा की पुकार है और उसका एक ही तात्पर्य है कि मुझे खोज, देख और पाने का प्रयत्न कर। ढूँढ़ने का अर्थ है यह खोजना कि हम अपने जीवन लक्ष्य के प्रति ईमानदार हैं या नहीं। यदि नहीं तो जहाँ भूल हो रही हैं उसे अविलम्ब सुधारा जाय।

वह पुकार जागरूकता के लिए है। उपेक्षा और प्रमाद जो जिस-तिस तरह करते रहे हैं, वैसे आगे न करें। जीवन की चौकीदारी की जाय और भीतर तथा बाहर से जिन शत्रुओं के आक्रमण होते रहते हैं, उनकी रोकथाम अविलम्ब की जाय।

इस आवाज का तात्पर्य है बहुमूल्य अवसर धीरे−धीरे हाथ से निकलता चला जा रहा है। क्रम ऐसे ही चलता रहा तो वह सब कुछ गुम हो जायेगा, जो देने वाले ने बड़ी उदारतापूर्वक बहुमूल्य रत्न राशि के रूप में किसी विशेष प्रयोजन के लिए दिया है।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles