अब से एक हजार वर्ष पूर्व बुखारा के सुलतान अब्दुल मंजूर किसी ऐसी बीमारी से ग्रसित हो गए, जिसे चिकित्सकों ने असाध्य घोषित कर दिया था। सुयोग्य चिकित्सक के पुत्र इब्नेसिना ने उनका इलाज किया और अच्छा कर दिया। सुलतान ने मुँहमाँगा इनाम माँगने के लिए कहा तो उन्होंने उनके पुस्तकालय में खुला प्रवेश पाने और नोट करने भर की इजाजत माँग ली। उनका ज्ञान भंडार अथाह होता चला गया। पिता के मरने पर उन्हें परिवार निर्वाह के लिए वापस लौटना पड़ा। सुलतान द्वारा उन्हें पेंशन मिली। वे निश्चिंत होकर दूर-दूर तक के पुस्तकालयों में प्रवेश पाकर अध्ययन करते रहे। इब्नेसिना ने तिब्बी चिकित्सा और दर्शन शास्त्र पर अनेक ग्रंथ लिखे हैं, जिन्हें विद्वानों में मान्यता प्राप्त है।