प्रमाणित कर दिया (kahani)

August 2003

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

नगरवधू अंबपाली अपनी सुँदरता के लिये उस क्षेत्र में प्रख्यात थी। उसकी एक मुस्कान के लिये संपन्न लोग सब कुछ निछावर करते थे। एक दिन वह भगवान बुद्ध का दर्शन करने जैतवन गई। वहाँ उनका तप-तेज देखकर इतनी प्रभावित हुई कि केश मुड़ाकर भिक्षुणी बन गई। इस परिवर्तित जीवन से उसने दूर-दूर तक धर्मप्रचार करके असंख्यों का कल्याण किया। इतिहास बताता है कि नारी अपने उज्ज्वल प्रखर रूप में नर से भी बढ़कर अनुदान प्रस्तुत करती रही है। भौतिक एवं आध्यात्मिक क्षेत्रों में उसने वरीयता प्राप्त कर यह प्रमाणित कर दिया है कि अवसर मिलने पर वह क्या नहीं कर सकती।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles






Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118