एक जिज्ञासु ने पूछा-भगवन् मनुष्य जीवन को अलंकृत करने वाले देवता कौन हैं। ज्ञानी ने उत्तर दिया-हृदय और जीभ। पतित करने वाले दो असुर ? ज्ञानी ने इस बार वही उत्तर दिया- हृदय और जीभ। सो कैसे ? जिज्ञासु ने समाधान जानना चाहा। ज्ञानी ने कहा-मधुर संभाषण और सुसंस्कृत आचरण जीभ और हृदय के ही अनुदान हैं। यदि ये जीवन को ये दो वस्तुएं दे देते हैं, तो जीवन कृतार्थ हो जाता है, पर यदि जीभ बोलने लगे कटु और हृदय में छा जाए कुत्सा, तो वही मनुष्य को नारकीय परिस्थितियों में झोंक सकते हैं।