Loading...
All World
Gayatri Pariwar
Get App
Books
Magazine
Language
English
Hindi
Gujrati
Kannada
Malayalam
Marathi
Telugu
Tamil
Stories
Collections
Articles
Open Pages (Folders)
Kavita
Quotations
Visheshank
Quick Links
Book Catalog
Whats New
Downloads
Write to Us
Login
Akhand Jyoti
Year 1987
Version 2
सद्वाक्य
सद्वाक्य
July 1987
Read Scan Version
<<
|
<
|
|
>
|
>>
नाम से कोई बड़ा नहीं होता। “कनक” धतूरे को भी कहते हैं, पर उससे गहने नहीं गढ़े जाते।
<<
|
<
|
|
>
|
>>
Write Your Comments Here:
Page Titles
संपत्ति बनाम सदाशयता
निष्काम सेवा ही, सच्ची सेवा
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की वास्तविकता—1
बादशाह ने नौकर को राज्य मंत्री बना दिया (कहानी)
श्रद्धा और विचारणा की शक्ति-सामर्थ्य!
सद्वाक्य
अपने मन को साधिए— सुसंस्कारी बनाइए
दीवार के कहीं कान हो तो वे मेरी बात सुनें (कहानी)
उसकी प्रार्थना में अलौकिक बल है !
डाॅ. नारमन बिन्सेंट पीले (कहानी)
पाने से पूर्व कुछ करना भी होता है!
सद्वाक्य
आस्तिकता-विवेकवानों को फलती है!
समाजसेवी कार्यों
धर्मधारणा का प्रथम लक्षण— धृति
सद्वाक्य
सिद्धि के चार आधार-अवलम्बन
सत्संग की शक्ति (कहानी)
शब्दार्थ में ना उलझें— भावार्थ समझें
संत तुकाराम (कहानी)
मरणकाल की व्यथा
सद्वाक्य
व्यक्तित्व को शालीनता से संजोएँ
भविष्य से पहले वर्तमान देखों (कहानी)
बहिर्मुखी ध्यान एवं उसका प्रयोग-व्यवहार
स्वभाव और चरित्र (कहानी)
काया की स्थूल परत एवं ध्वनि-प्रयोग
ईमानदारी और चौकीदारी (कहानी)
सूक्ष्मशरीर के उत्कर्ष की पृष्ठ भूमि !
समाजसेवी की योग्यता (कहानी)
प्राणाकर्षण प्रयोग से तेजस् का जागरण
सद्वाक्य
रंगों का प्रभाव और ध्यान
सद् चिंतन (कहानी)
प्रसुप्त पड़ा अतीन्द्रिय सामर्थ्य का जखीरा
दरिद्र पंडित (कहानी)
अध्यात्म का प्राथमिक पाठ
प्रेतात्माओं का अस्तित्व कितना प्रामाणिक-1
संसार कल्पवृक्ष (कहानी)
साहस और भय की प्रतिक्रिया
साँप से न तो भयभीत हों, न उसके जैसा बनें
वनौषधियों से दिव्य शक्ति का अभिवर्ध्दन
आध्यात्मिक दृष्टिकोण (कहानी)
अगला समय गिरने का नहीं उठने का है !
आतुरता की आत्मघाती विडंबना
भगवान कृष्ण (कहानी)
यह अदूरदर्शिता मनुष्य जाति को ले डूबेगी
देवताओं का युग (कहानी)
बुढ़ापा प्रसन्न रहने का समय है!
शब्दशक्ति से होगी, अब रोगों की चिकित्सा
संगीत एक सूर्यकांत मणि (कहानी)
राष्ट्रीय एकता सम्मेलन— उनकी देव दक्षिणा
सद्वाक्य
अपनों से अपनी बात— गुरुतत्त्व की गरिमा जानें व जुड़ने का प्रयास करें।
गुरु-दर्शन
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
See More