Quotation

September 1985

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जो रोटी की चिन्ता करता है नास्तिक। वाणी और बुद्धि न रहने पर भी पशु-पक्षी पेट भरते हैं तो समझदार और परिश्रमी मनुष्य क्यों भूखा मरे।


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