पिछले जन्मों में न जाने कितने परिजनों को अपना कहता रहा है और भविष्य में न जाने कितनों को कहेगा। अनावश्यक मोह और दबाव में मत बँधो। केवल कर्त्तव्य पालन पर ही सन्तोष करो।
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