जार्ज बर्नार्डशा (kahani)

September 1985

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एक साहित्यकार जार्ज बर्नार्डशा से मिलने गये। बातों-बातों में अपने देश के पूर्वजों का बढ़-चढ़कर बखान करने लगे।

वर्णन लम्बा होते देखकर शा ने कहा- ‘पूर्वजों के पुराने बखान पर चल पड़ने पर तो आपको आदिम काल के बन्दर पूर्वजों तक पहुँचना पड़ेगा। इसलिए अच्छा यही है, हम अपनी और आज की बात करें।


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