शर शैया पर पड़े भीष्म पितामह से युधिष्ठिर ने पूछा− देव, राष्ट्र अजेय कैसे बनते हैं? उत्तर में पितामह ने कहा− तात, जिस देश में विभिन्न वर्गों के लोग एक प्राण होकर रहते हैं, जहाँ के नागरिक पुरुषार्थी और नीति परायण होते हैं। जिसमें नारी के सम्मान की रक्षा की जाती हो वह अजेय होकर रहता है।