धन प्राप्त करने का आशीर्वाद (kahani)

February 1985

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एक कंजूस किसी महात्मा के पास और भी अधिक धन प्राप्त करने का आशीर्वाद माँगने गया। उस समय तो वे कुछ न बोले पर दूसरे दिन आने को कहा।

नियत समय पर कंजूस पहुँचा तो देखा कि महात्मा जी एक गड्ढा खोदकर उसे कंकड़ पत्थरों से भरने में तल्लीन हैं।

प्रतीक्षा के बाद उसने कारण पूछा कि जब इस इलाके में सर्वत्र कंकड़ पत्थरों के ही भण्डार बिखरे पड़े हैं तो उन्हें इस प्रकार बटोरने से क्या लाभ?

महात्मा हँस पड़े। मूर्ख! जब इस संसार में आवश्यकता की सभी वस्तुएँ प्रचुर परिमाण में विद्यमान हैं तब तिजोरियाँ भरने की ललक में समय और श्रम भी बर्बादी क्यों?


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