वाशिंगटन पोस्ट (kahani)

August 1985

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वाशिंगटन पोस्ट की समाचार सम्पादिका कुमारी जेनेट कुक को उनकी कुशलता के लिए ‘पुलित्जर’ पारितोषिक प्रदान किया गया। उस देश में पत्रकारिता के लिए मिलने वाला यह सबसे बड़ा पारितोषिक समझा जाता है। जो प्राप्त करते हैं, उनकी प्रतिष्ठा में चार चाँद लग जाते हैं।

इनाम की घोषणा वाले समारोह में ही कुमारी कुक ने उसे अस्वीकार कर दिया। साथ ही अपनी बहुत पैसे और प्रतिष्ठा वाली नौकरी से भी इस्तीफा दे दिया। इस अवसर पर उनने इन सभी छद्मों को प्रकट कर दिया जिनके कारण उन्हें सफलता और प्रतिष्ठा मिली।

कुक के इस साहस पर सभी ने उनको “ईमानदार अन्तरात्मा के दुस्साहस” की संज्ञा दी और भूल सुधार के पश्चाताप को भूरि-भूरि सराहा। उनकी प्रतिष्ठा घटी नहीं वरन बढ़ी।


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