जलयान (kahani)

August 1985

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उन दिनों नौकानयन ही प्रचलित था। बड़े जलयान नहीं बने थे। उनकी कल्पना और योजना राबर्ट फुल्टन ने नैपोलियन के सामने रखी तो वह आग बबूला हो गया और एक शब्द कहकर प्रस्तोता को भगा दिया कि मेरे पास ऐसी बकवास सुनने के लिए समय नहीं है।

डबलिन की रॉयल सोसायटी के इंजीनियर लारेसकर इन दिनों जाने माने शिल्पी थे। जलयान के बारे में उनने भी यह मत व्यक्त किया कि इस आधार पर एक मनोरंजन का खिलौना भर बन सकता है। इसके द्वारा अटलाँटिक पार करने की बात सर्वथा बचकानी है।

सभी जानते हैं कि इस प्रकार के विरोध और उपहास के बावजूद जलयान बने और पूरी तरह सफल हुए।


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