आधुनिक तकनीकी विकास से मनुष्य यदि यह समझे कि वह वैज्ञानिक प्रगति के शिखर पर जा पहुंचा तो यह उसका भ्रम है। उसकी इस मान्यता को झुठलाने एवं अधिक प्रगतिशील अंतर्ग्रही सभ्यताओं का प्रमाण देने हेतु समय-समय पर ऐसे घटनाक्रम घटित होते हैं जिनका प्रत्यक्षवादी कोई उत्तर नहीं दे पाते। परोक्ष में जो है जो जाना नहीं जा सका, उसका अस्तित्व भी हो सकता है। इस तथ्य को पूर्वाग्रहों को छोड़कर मानना ही श्रेयस्कर है। शोध प्रक्रिया चलती रहे किन्तु परोक्ष के रहस्यों को नकारा नहीं जाना चाहिए।
दूसरे मनुष्य की सम्मतियों का सम्मान कीजिए। कभी किसी से मत कहिए कि वह गलती पर है। दूसरों के विचारों का प्रत्यक्ष प्रतिवाद और अपने विचारों का सुनिश्चित समर्थन न करें।