डाक विभाग की ओर से थैले समय पर उपलब्ध नहीं होने के कारण अगस्त माह की पत्रिका के लिए पाठकों को काफी प्रतीक्षा करनी पड़ी, इसका हमें खेद है। काफी प्रयासों के बाद 19 अगस्त तक पत्रिकाएँ डिस्पैच की जा सकीं। ट्रेन में बैगों की लोडिंग आदि की समस्या भी बनी रहने के कारण प्रायः देरी हो जाती है। अखण्ड-ज्योति पत्रिका पाठकों का बौद्धिक आहार है। विलम्ब होने से व्यथा होना स्वाभाविक है। हमारे प्रयास तो यही रहते हैं कि पत्रिका परिजनों को समय पर मिलती रहे।
व्यवस्थापक
अखण्ड-ज्योति संस्थान, मथुरा।