सर्वे हि यत्र नेतारः सर्व पण्डित मानिनः। सर्वे महत्व मिच्छन्ति स वृन्द अवसी दति। -महाभारत
जहाँ सब लोग नेता बनने के इच्छुक हैं, जहाँ सब सम्मान चाहते हैं और पण्डित बनते हों, जहाँ सभी महत्वाकाँक्षी हों वह समुदाय पतित और नष्ट हुये बिना नहीं रहेगा।